Tuesday, April 22, 2008

Uske hone ke liye

जिनके बीच वह रहा

उन लोगों ने उसके नही होने के कई उपाए किए

उसने सबसे हाथ मिलाया

सबको गले लगाया

उन लोगों के बीच होते होते

जब मौसम बिना मौसम

वक्त की शीत लहरी

उसकी रीढ़ की हड्डी में घुसती

तो उससे महसूस होता

कि आजकल आशीर्वाद देनेवाले भी

देने लगे हैं गाली

फिर भी वह जीता रहा

लगभग न होते हुए

ऐसे ही एक दिन

वह सचमुच उनलोगों के बीच नही रहा

उन लोगों ने

लटका दी उसकी तस्वीर

उसके होने के लिए.

3 comments:

pranjal said...

kya baat hai
waah waah

Anonymous said...

shukriya pranjal!

Shashank Sharma said...

Too Good Sirji!!!