जिनके बीच वह रहा
उन लोगों ने उसके नही होने के कई उपाए किए
उसने सबसे हाथ मिलाया
सबको गले लगाया
उन लोगों के बीच होते होते
जब मौसम बिना मौसम
वक्त की शीत लहरी
उसकी रीढ़ की हड्डी में घुसती
तो उससे महसूस होता
कि आजकल आशीर्वाद देनेवाले भी
देने लगे हैं गाली
फिर भी वह जीता रहा
लगभग न होते हुए
ऐसे ही एक दिन
वह सचमुच उनलोगों के बीच नही रहा
उन लोगों ने
लटका दी उसकी तस्वीर
उसके होने के लिए.
3 comments:
kya baat hai
waah waah
shukriya pranjal!
Too Good Sirji!!!
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