वैसे,
आज किसी सरकारी छुट्टी का दिन नहीं है
फिर भी
आज मेरी छुट्टी है
हालांकि
डर इस बात का भी नहीं है
की ये छुट्टी किसी नौकरिनुमा व्यस्तता में
एक बड़ी राहत की तरह आई है,
जहाँ अनियमित होने पर
बॉस की बत्तीसी
मुझे खा जाने को हो सकती है आतुर
आज
एक पुरा खाली दिन है
जिसके मिन्टो, घंटो में
नियमित भटकने का अनुभव दर्ज है
यही नहीं, उसमें और भी कई चीजें दर्ज हैं
मसलन,
लगातार हाथ मिलाते रहने का अनुभव
घंटो सिर झुकाते रहने का अनुभव
लगातार मुस्कुराते रहने का अनुभव
घंटो हाँ में हाँ मिलाते रहने का अनुभव
आज
एक पुरा खाली दिन है
सुबह उठकर भटकने की अफरा-तफरी भी नही है
और न ही बसों में धक्के खाने के लिए
करना है किसी तरह का संघर्ष
आज
घर से आए चिट्ठियों के शब्द
मेरे बगल में लेते हुए बतिया रहे हैं
हाल-समाचार
और मैं उन्हें सुनते हुए ना रो सकने की सूरत में
चौडी मुस्कराहट के साथ
तिनके चबा रहा हूँ
मैं चाहता हूँ
की यह तिनका आज के दिन जैसा थोड़ा और लंबा हो जाए
जिससे की इस भरे-पूरे वक्त में
मैं
एक खाली दिन की अनिवार्यता को
देर तक चबाता रहूँ.
No comments:
Post a Comment