poetry-shoetry
Tuesday, April 22, 2008
Bahut mumkin hai
एक ऐसे समय में
जब शब्द खोने लगे हों अपने अर्थ
और
बढ़ने लगा
हो दर्द
तो बहुत मुमकिन है
कि मैं तुमसे कह सकूं
बस इतना ही
मैं तुम्हारा.
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