Tuesday, April 22, 2008

Anhoni

कुछ अनहोनियाँ

हम नही जानते

और व्यक्त करते रहते हैं प्रतिक्रियाएं

कभी आड़ी-तिरछी, कभी आत्ममुग्ध

तो कभी नुकीली आत्मीये

संदेहों में बँटे लोग

हँसते हैं एक-दूसरे पर

इस बात से बेखबर

की अपने ऊपर हँसने की

अनहोनी क्या होती है.



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