मैं किसी
स्वतंत्रता क्रांति का नही बल्कि
औद्योगिक क्रांति का परिणाम हूँ
इसीलिए मुझे पसंद हैं
धुआं उगलती चिमनियाँ और सूखते पेड़
ऊँची-ऊँची अट्टालिकाएं और बौने आदमी
फैलाती सड़कें और सिकुरती नदियाँ
क्योंकि मेरी बहुत इक्षा है की aanewaali
सदी में मैं khol sakoon अपने सारे कल-purje
और dundh sakoon अपने भीतर
एक mukammal आदमी.
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