Tuesday, April 22, 2008

एक mukammal आदमी

मैं किसी

स्वतंत्रता क्रांति का नही बल्कि

औद्योगिक क्रांति का परिणाम हूँ

इसीलिए मुझे पसंद हैं

धुआं उगलती चिमनियाँ और सूखते पेड़

ऊँची-ऊँची अट्टालिकाएं और बौने आदमी

फैलाती सड़कें और सिकुरती नदियाँ

क्योंकि मेरी बहुत इक्षा है की aanewaali

सदी में मैं khol sakoon अपने सारे कल-purje

और dundh sakoon अपने भीतर

एक mukammal आदमी.

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