Tuesday, April 22, 2008

गाता हुआ देश!

आजकल जहाँ भी देखो सब गा रहें हैं। और अगर नही गा रहें हैं तो गवा रहें हैं। सबको गाना है। जब एक देश गाने लगता है तो यही समझाना चाहिए की सबकुछ ठीक चल रहा है। मसलन, इकोनोमी तरक्की कर रही है। इन्फ्लेशन तरक्की कर रहा है। मंहगाई तरक्की कर रही है। बेचैनी तरक्की कर रही है। इसलिए टी आर पी भी तरक्की कर रहा है। दरअसल, एक तरक्की करते हुए देश की ज़रूरत होती है की वो गाता रहे। क्योंकि गाने से भूख, भ्रष्टाचार और अत्याचार में एक रिदम आ जाता है। हमारी जिंदगी भी अजीब है की अगर हमे कोई gakar thappad मारे तो humein अच्छा लगता है। टी वी वालों को ये बात २-३ साल pahale research में पता chali थी tab से हम गा रहे हैं। आप भी gaaien ना... please!

No comments: