संसद, संजीदा नहीं है मुझपे
इसलिए कभी करप्शन के खिलाफ़
कभी निर्भया की आवाज़ बन
सोशल नेटवर्क से लेकर सड़क तक फैला हूँ मैं
मत समझना की कुछ भी नए साल में भूला हूँ मैं
इस गणतंत्र का युवा हूँ मैं
इसलिए कभी करप्शन के खिलाफ़
कभी निर्भया की आवाज़ बन
सोशल नेटवर्क से लेकर सड़क तक फैला हूँ मैं
मत समझना की कुछ भी नए साल में भूला हूँ मैं
इस गणतंत्र का युवा हूँ मैं
उस ओर ही चला हूँ मैं
बड़ा जोर ही चला हूँ मैं
सही फ़ैसले की ख़ातिर
पानी की तोपों से जला हूँ मैं
मोमबत्तियों की आग में गला हूँ मैं
मत समझना की महज धुआं हूँ मैं
इस गणतंत्र का युवा हूँ मैं
कहते हो कि प्रगति का पुलिंदा हूँ मैं
मगर तुम्हारे दोहरे चेहरे से शर्मिंदा हूँ मैं
सोच रहा हूँ कि क्यों इस तरह तुम्हारा कारिन्दा हूँ मैं
बहुत सुन चूका हूँ तुम्हारे भाषण
मत समझना की बस चुनावी जुआ हूँ मैं
इस गणतंत्र का युवा हूँ मैं
ना हिस्सा होने देते हो
ना हिस्सा मेरा देते हो
हिस्से - हिस्से में बांटकर
मुद्दे ही गायब कर देते हो
है मुझे गुस्सा
है मुझे अफ़सोस
मगर निराश नहीं हूँ मैं
मगर हताश नहीं हूँ मैं
मत समझना कि कोई लॉलिपोप बबुआ हूँ मैं
इस गणतंत्र का युवा हूँ मैं
हर सदी का हथियार हूँ मैं
बदलने को पुराना, तैयार हूँ मैं
कब मानोगे की एक नया सरोकार हूँ मैं
गौर से देखो मुझे, गौर से देखो!
ना सिर्फ़ ग्रीन हूँ, ना सिर्फ़ गेरुआ हूँ मैं
इस गणतंत्र का युवा हूँ मैं
जय हिन्द!
रुपेश कश्यप
Please mail your feedback on rupeshkashyap@gmail.com