कुछ तो सोचो यार
सुबह होते ही
मुझे कहना पड़ेगा सूरज से
की या तो तुम्ही हटाओ
या फिर मुझे ही हटाने दो ये अन्धकार
अब मैं तुम्हारी बिना मौसम मूर्खताएं
मैं बर्दाश्त करने से रहा
और अगर तुम्हे लग रहा है
कि मैं उकता गया हूँ
तो मैं झूट नहीं बोल रहा
न सही मेरे लिए
कम से कम अपने लिए
कुछ तो सोचो यार!
(C) रुपेश कश्यप
सुबह होते ही
मुझे कहना पड़ेगा सूरज से
की या तो तुम्ही हटाओ
या फिर मुझे ही हटाने दो ये अन्धकार
अब मैं तुम्हारी बिना मौसम मूर्खताएं
मैं बर्दाश्त करने से रहा
और अगर तुम्हे लग रहा है
कि मैं उकता गया हूँ
तो मैं झूट नहीं बोल रहा
न सही मेरे लिए
कम से कम अपने लिए
कुछ तो सोचो यार!
(C) रुपेश कश्यप
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