वक़्त का तकाज़ा है
मैं तुमसे हो जाऊं रूबरू
जान लूं तुमसे तुम्हारा हाल
कर लूं कुछ जाड़े की धूप-गरम बातें
समझ लूं कुछ लिहाफ़-नरम बातें
बाँट लूं तुमसे भीगी रुई सा अपना मन
थाम लूं गरमजोशी से तुम्हरे हाथ अपने ठन्डे हाथों में
दौड़ कर ले आऊं तुम्हरे लिए गरमागरम 'मूंगफली'
ऐ 'गुलाबी लम्हे'
चल आ
कर लें एक बार फिर से 'टाइम पास'
(Copyright ) रुपेश कश्यप
1 comment:
Aa chal India Gate chalien:)
Post a Comment