Tuesday, April 29, 2008

Usne Kaha

उसने कहा

कि भाषाएँ गन्दी नहीं हो सकतीं

गन्दी हो सकती है ज़बान

उसने आगे कहा

कि भाषाएँ कमजोर, बुजदिल, बेकार नहीं हो सकतीं

कमजोर, बुजदिल, बेकार हो सकता है इंसान

फिर उसने आगे कुछ नहीं कहा।

1 comment:

mads said...

strange how the strongest thoughts can be conveyed in such few words!