Tuesday, April 29, 2008

Ek romantic shehar

किसने कहा की



मेरा शहर रोमांटिक नहीं है



किसने कहा ये?



क्या उसे नहीं मालुम की



इस शहर के कई घरों में अब भी



मिडल क्लास मूल्य



बाई ८ नैतिकता की खिड़की से बाहर



निकलने को फद्फदाती हैं



और पुरानी टैक्सी के पीछे वाली सीट पे



बैठे बैठे दुनिया जहान के वादे दुहराती हैं


अरे इस शहर में



रोमांस समुन्दर की तरह उफान मरता है



यों ही नहीं, बैंड स्टैंड पे शहर का बी एम सी तान मरता है




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